
माता पार्वती व भोलेनाथ की शादी का श्रोताओं ने किया रसपान
कथा में दिन पर दिन बढ़ती जा रही भीड़
ब्रेक डांस, ट्रेन, मिक्की माउस व छोटे झूले पर उमड़ रही भीड़
बलिया। नगर से सटे मिड्ढा गांव स्थित मां काली मंदिर पर चल रहे श्री हनुमत प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ में शुक्रवार की रात्रि अयोध्या से पधारी साध्वी लाडली किशोरी ने माता पार्वती एवं भगवान शिव के विवाह की कथा का श्रोताओं को रसपान कराया। वही भगवान शिव व माता पार्वती के विवाह से जुड़ी गीत सुनकर श्रोता मंत्र मुक्त हो गए।

लाडली किशोरी कहती है कि नारद मुनि महाराजा हिमाचल के यहां पहुँचते है और माता पार्वती के विवाह की चर्चा करते है। कहते हैं कि कैलास पर्वत पर पार्वती के लिए एक बहुत ही सुंदर वर है। जिससे अगर पार्वती की शादी हो जाती है तो जोड़ी बहुत अच्छी होगी। यह सन महाराजा हिमाचल और माता नैना बेटी पार्वती की शादी के लिए नारद मुनि के विश्वास पर हामी ही भर देते हैं। इसके बाद भगवान शिव की यहां पहुंचते हैं और शादी की बात बताते हैं। एक दिन शादी का दिन भी आता है और भगवान भोलेनाथ की बारात सजाई जाती है। जिसमें भगवान विष्णु, ब्रह्मा जी सहित तमाम देवी देवता नर, गंधर्व, सहित कीड़े, मकोड़े, सर्प, बिच्छू, आन्हर, लंगड़ तमाम प्रकार की बाराती विभिन्न प्रकार के ड्रेस पहन-पहन कर भगवान भोलेनाथ की बारात में जाते हैं। कहती है कि उस समय बैंड बाजा आदि तो थे नहीं तो विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु, भूत, कंकाल अपने-अपने आवाजों में सुर मिलाते हुए बाबा के बारात में नाचते गाते चल रहे हैं। जब भगवान भोलेनाथ की बारात महाराजा हिमाचल के दरवाजे पर पहुंचती है और जब माता नैना दूल्हे को परिछावन के लिए जाती हैं तो दूल्हे को देखकर बेहोश होकर गिर जाती है। हाथ से आरती की थाली गिर जाती है। फिर उन्हें होश में लाया जाता है। माता नैना कहती है कि भले मेरी पार्वती कुंवारी क्यों न रह जाय। मैं इस भूत भावन वर से अपनी बेटी की शादी नहीं करूंगी। अंत में बारात जनवासे में चली जाती है। फिर नारद मुनि महाराज हिमाचल और माता नैना के पास पहुंचते हैं और बताते हैं कि पार्वती आपकी बेटी के रूप में जन्म ली है वह कोई साधारण कन्या नहीं है। यह पिछले जन्म में माता सती के रूप में भगवान भोलेनाथ की अर्धांगिनी थी जो अपनी गलती के कारण अपने पिता के यज्ञ कुंड में पति का अपमान करने पर सती हो गई थी। वही आपके घर में पुत्री के रूप में जन्म ली है। यह भगवान भोलेनाथ के लिए ही पुनः अवतरित हुई है। कृपया आप आंख बंद करके भगवान भोलेनाथ से पार्वती की शादी करिए। नारद मुनि के बात सुनने के बाद महाराज हिमाचल और नैना शादी के लिए राजी होते है। फिर बारात दरवाजे पर पहुंचती है और माता नैना खुशी-खुशी भगवान भोलेनाथ का परछावन करती हैं। इसके बाद हिमाचल वह माता नैना माता पार्वती का कन्यादान करते हैं और भोलेनाथ माता पार्वती को अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार करते हैं। यह कथा का मंत्र मुड़ हो गए और भगवान भोलेनाथ व माता पार्वती के जय जयकार लगाए। स्वामी आनन्द महाराज ने बताया कि एक जून को हनुमत महाआरती आयोजित की जाएगी। वही तीन जून को यज्ञ की पूर्णाहुति एवं भव्य भंडारा का आयोजन होगा। बताया कि प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे से 11:30 तक पूजन एवं सायं 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक श्रीराम कथा का प्रवचन साध्वी लाडली किशोरी द्वारा किया जाएगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में महायज्ञ में पहुंचने की अपील की। उधर छोटे-बड़े झूले के अलावा ब्रेक डांस, ट्रेन झूला पर बच्चे, महिला व युवक व युवतियों ने लुत्फ उठाया। इसके अलावा छोला, समोसा, चाट, जिलेबी आदि का आनन्द लिया।

श्री हनुमत प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ की निकली हनुमान जी भव्य शोभायात्रा
बलिया। शुक्रवार की शाम चार बजे मां काली स्थान से हनुमान जी शोभायात्रा निकाली गई जो बैजू बाबा स्थान होते हुए गिरवर दास की कुटिया पर पहुँची। वहां से बाजार स्थित शिव मंदिर पर गई। इसके बाद सोनार मोहल्ला होते हुए पकड़ी तर और गोरथाना के पोखरा पर पहुँची। वहां से पुन: मां काली स्थान पर जाकर समाप्त हो गई।