
दोहरे हत्याकांड के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा व 50 हजार लगाया जुर्माना
तिलकोत्सव कार्यक्रम में कोल माइंस के चीफ इंजीनियर चन्देश्वरी व मनोज की हुई थी हत्या
बलिया। कोल माइंस के चीफ इंजीनियर व मनोज हत्याकांड के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित पाल सिंह की अदालत ने साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए मुख्य आरोपी पोखरा निवासी विनय सिंह उर्फ विनय प्रताप सिंह को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा 50 हजार रुपए के जुर्माना से दण्डित किया। आदेश दिया कि जुर्माने की धनराशि में से 20हजार रुपए मृतक मनोज के पिता राधेश्याम मिश्रा को और 20हजार रुपए मृतक चन्देश्वरी सिंह की पत्नी शकुन्तला देवी को क्षति पूर्ति के रूप में दिया जाय।
अदालती सूत्र के मुताबिक हल्दी थाना के डांगरवाद निवासी राधेश्याम मिश्रा ने पांच दिसंबर 2006 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि हल्दी थाना क्षेत्र के बाबू बेल गांव निवासी डॉ सीताराम सिंह के अहाते में तिलकोत्सव का कार्यक्रम चल रहा था। इस दौरान नाच गाने का कार्यक्रम भी चल रहा था। जिसमें उसका बेटा मनोज मिश्रा भी गया हुआ था। इसी बीच किसी व्यक्ति ने रंजिश वश अंधाधुंध फायर कर दिया। जिसमें डॉ अशोक सिंह के रिश्तेदार व कोल माइंस धनवाद के चीफ इंजीनियर चन्देश्वरी सिंह एवं मेरे पुत्र मनोज मिश्रा की मौत हो गई। इस मामले में मुकदमा पंजीकृत हुआ और जांच शुरू हुई तो सभी तथ्य सामने आ गया। इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित पाल सिंह की अदालत ने साक्ष्यों का अवलोकन करते हुए मुख्य आरोपी पोखरा निवासी विनय सिंह उर्फ विनय प्रताप सिंह को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 50 हजार रुपए के जुर्माना से दण्डित किया।