मार्क्सवादी कम्युनिस्टों ने विद्युत निजीकरण के खिलाफ भरी हुंकार

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मार्क्सवादी कम्युनिस्टों ने विद्युत निजीकरण के खिलाफ भरी हुंकार

निजीकरण का निर्णय तत्काल वापस करने की मांग की

बलिया। विद्युत निजीकरण के खिलाफ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने बुधवार की दोपहर कलेक्ट्रेट में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए गए और उप्र शासन को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।







ज्ञापन में जिक्र किया कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन द्वारा वाराणसी एवं आगरा विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण करने का निर्णय लिया है। लंबे अरसे से भाजपा सरकार बिजली को निजी हाथों में देकर उनको मनमाना मुनाफा करने की छूट देना चाहती है। जनहित में इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। पावर कारपोरेशन जो घाटे का बात करता है। वास्तव में उसकी जड़ में सरकारी की नीतियां है। विद्युत सुधार के नाम पर तत्कालीन सुधार के नाम पर सरकार द्वारा वर्ष 2000 में विद्युत बोर्ड का विभाजन किया था और बताया था कि प्रति वर्ष 77 करोड़ रूपए का घाटा हो रहा है। इसके 25 वर्ष बाद घाटा बढ़कर एक लाख 10 हजार करोड़ हो गया। सरकार के विभाजन का प्रयोग पूरी तरह से विफल रहा। बिजली निजीकरण के विनाशकारी परिणाम हम सबके सामने हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन द्वारा वाराणसी एवं आगरा विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण करने का जो निर्णय लिया गया है। उसे तत्काल वापस लें।

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