डीसी(वाणिज्य कर) लखनऊ को रिश्वत लेते विजलेंस टीम ने रंगे हाथ किया गिरफ्तार
जीएसटी रिफण्ड पास करने के एवज में दो लाख रुपए मांगी थी रिश्वत
लखनऊ। सतर्कता अधिष्ठान, उप्र द्वारा शासन की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस नीति के पालन में पूरे प्रदेश में लोक सेवकों के विरूद्ध ट्रैप की कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में मंगलवार को लखनऊ के डिप्टी कमिश्नर वाणिज्यकर धनेन्द्र कुमार पाण्डेय को गिरफ्तार किया गया।
रिश्वत विरोधी हेल्प लाइन पर एक एक्पोर्ट कम्पनी के प्रतिनिधि ने काल करके बताया कि वाणिज्य कर के डिप्टी कमिश्नर जीएसटी द्वारा उनकी कम्पनी के जीएसटी रिफण्ड पास करने के एवज में दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी जा रही है। शिकायतकर्ता को कार्यालय बुलाकर पुलिस अधीक्षक, अभिसूचना ने उसके द्वारा किए गये कॉल के सम्बन्ध में पूछताछ की तो पता चला कि केन्द्र सरकार ने वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यातकों को जीएसटी में विशेष छूट का प्राविधान किया है। यदि कोई फर्म निर्यात करने के प्रयोजन से विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के कय पर विभिन्न दरों से जीएसटी का भुगतान करती है तो वह फर्म अपने ऐसे खर्चों पर दिए गये जीएसटी का रिफण्ड क्लेम कर सकती है। कम्पनी प्रतिनिधि ने बताया कि उनकी कम्पनी आर्डेम डेटा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पिछले कई वर्षों से अमेरिका की कम्पनी द्वारा उपलब्ध कराये गये स्कैन्ड डाटा शीट्स को एक डैशबोर्ड में डिजिटल फार्म में तैयार कर वापस भेजती है। निर्यात सम्बन्धी यह काम करने में मुख्य रूप से 03 प्रकार के खर्च होते हैं, पहला व्यवस्थापन सम्बन्धी, दूसरा डाटा एंट्री करने वालों की हायरिंग और तीसरा एडब्लूएस एमेजॉन वेब सर्विसेज पर व्यय।
एर्डेम कम्पनी ने उक्त शीर्षकों में दिये गये जीएसटी के आधार पर लगभग 20 लाख का रिफण्ड क्लेम किया था। यह रिफण्ड वाणिज्य कर आफिस मीराबाई मार्ग में तैनात डिप्टी कमिश्नर (जीएसटी) जोन 20 धनेन्द्र कुमार पाण्डेय द्वारा स्वीकृत किया जाना था। श्री पाण्डेय ने कम्पनी प्रतिनिधि से दो लाख रूपये रिश्वत की माँग की थी। कम्पनी प्रतिनिधि द्वारा यह सूचना सतर्कता मुख्यालय में दी गई जिस पर पुलिस अधीक्षक, अभिसूचना ने अपनी टीम को ब्रीफ किया और स्थापित प्रकिया का पालन करते हुए उक्त डिप्टी कमिश्नर के विरूद्ध ट्रैप की अनुमति प्राप्त की। इसी क्रम में मंगलवार को शाम चार बजे के लगभग अभिसूचना सेक्टर टीम ने जाल बिछाकर वाणिज्य कर कार्यालय से दो लाख रूपया घूस लेते हुए पकड़ा। इस बाबत एसपी विजिलेंस डॉक्टर अरविंद कुमार चतुर्वेदी ने बताया की जिस मामले में ट्रैप होता है, यदि वो कार्य न्यायसंगत है तो सतर्कता अधिष्ठान संबंधित विभाग से पत्राचार कर एक माह में उस लंबित काम का निस्तारण सुनिश्चित करेगा।