
यूपीएससी में उत्कर्ष ने लहराया परचम, बना असिस्टेंट कमिश्नर
बलिया। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं होता, तबियत से एक पत्थर तो उछाला यारो। मौजूदा समय में यह कहावत मल्हुआ गांव के उत्कर्ष प्रकाश सिंह पर सटिक चरितार्थ हो रही है। यूपीएससी की परीक्षा में मल्हुआ का होनहार युवक 144 वीं रैंक प्राप्त कर सीयूजीएफ में असिस्टेंट कमिश्नर बने हैं। उत्कर्ष प्रकाश सिंह की इस उपलब्धि पर पूरे जनपदवासियों में हर्ष है। चहूंओर उत्कर्ष की वाहवाही हो रही है।
गांव की पगडंडियों से निकालकर उत्कर्ष न सिर्फ फलक पर चमका है, बल्कि अपने माता—पिता व जनपदवासियों का सीना गर्व से चौड़ा किया है। बचपन से ही पढ़ने लिखने में तेज उत्कर्ष प्रकाश सिंह ने अपना लक्ष्य तय कर लिया था। कुछ भी हो जाए उसको देश की सेवा करना है। इसी जज्बे के साथ उत्कर्ष ने दिन रात एक कर दिया। नतीजन आज उत्कर्ष सिंह न सिर्फ यूपीएससी की परीक्षा में अपना लोहा मनवाया बल्कि सीयूजीएफ में असिस्टेंट कमिश्नर बनकर खुदको देश के लिए समर्पित कर दिया। उत्कर्ष सिंह के पिता ज्ञानप्रकाश सिंह व मां रीतू सिंह है। पिताजी ज्ञान प्रकाश सिंह बेसिक शिक्षा इलाहाबाद में डायरेक्टर है।