जेएनसीयू में उर्दू विभाग की स्थापना हेतु अंजुमन तरक़्क़ी ए उर्दू बलिया के प्रतिनिधिमंडल कुलपति को सौंपा ज्ञापन

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अंजुमन तरक़्क़ी ए उर्दू बलिया के प्रतिनिधिमंडल ने जेएनसीयू में उर्दू विभाग की स्थापना हेतु कुलपति को ज्ञापन सौंपा

बलिया। अंजुमन तरक्क़ी ए उर्दू बलिया का एक प्रतिनिधिमंडल डॉ. हैदर अली खान के नेतृत्व में बुधवार को जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. संजीत कुमार गुप्ता से मिला और विश्वविद्यालय में उर्दू विभाग की स्थापना कर शिक्षण व शोध प्रारम्भ करने के लिए ज्ञापन सौंपा।

डॉ. अब्दुल अवल ने अंजुमन तरक्क़ी ए उर्दू बलिया द्वारा उर्दू के प्रचार-प्रसार एवं विकास में किये गये कार्यों पर प्रकाश डालते हुए उर्दू को एक ऐसी भारतीय भाषा बताया, जिसका स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही। साथ ही प्रतिनिधि मण्डल के सदस्यों एवं उर्दू प्रेमियों का परिचय कराया। डॉ हैदर अली खान ने बीएचयू में उर्दू विभाग की स्थापना के समय उर्दू विरोधियों को पं मदन मोहन मालवीय का यह जवाब उद्धरित किया कि”मैं एक विश्वविद्यालय खोल रहा हूं, जहां दुनिया के सभी ज्ञान विज्ञान और भाषाएं पढ़ाई जाएंगी”। डॉ. मसऊद ने शोध के नियमों पर चर्चा करते हुए इसके मानकों को ऊंचा रखने के उपायों और प्रयासों पर प्रकाश डाला। मधुसूदन श्रीवास्तव ने पुस्तकालय की उपयोगिता पर चर्चा करते हुए अपनी निजी पुस्तकें पुस्तकालय को दान करने की बात कही। कुलपति प्रोफेसर गुप्ता ने अगले शैक्षणिक वर्ष में एक उर्दू विभाग स्थापित करने का वादा किया और एसोसिएशन के सदस्यों को बोर्ड ऑफ स्टडी की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। कामरेड तेज नारायण ने प्रोफेसर गुप्ता एवं विश्वविद्यालय के अन्य प्रोफेसरों को”हिंदी उर्दू शिक्षक” पुस्तक उपहार स्वरूप भेंट किया। अंत में डॉ. हैदर अली खान ने कुलपति प्रोफेसर संजीत गुप्ता को अपना अमूल्य समय देने और उर्दू प्रेमियों की बातों पर विचार कर उनका हौसला बढ़ाने हेतु धन्यवाद दिया।प्रतिनिधिमंडल में डॉ. मसूद साहब अलीग़ , मधुसूदन श्रीवास्तव अधिवक्ता, इफ्तिखार गाजी, डॉ. अब्दुल अव्वल, अल्ताफ अहमद, जमील अहमद, राधेश्याम यादव, अमित कुमार सोनू शामिल रहे।

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