अपूर्वा हॉस्पिटल में अनट्रेड डाक्टर की लापरवाही से जुड़वां बहनों की मौत, परिजनों ने काटा बवाल

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अपूर्वा हॉस्पिटल में अनट्रेड डाक्टर की लापरवाही से जुड़वां बहनों की मौत, परिजनों ने काटा बवाल

आपरेशन थियेटर में नहीं थी डा ज्योत्सना मौजूद, पुलिस ने संभाला मोर्चा

बलिया। खबर यूपी के बलिया से है, जहां जनपद का चर्चित अपूर्वा हॉस्पिटल एक बार फिर विवादों के घेरे में आ चुका है। आपरेशन थियेटर में सीनियर गायनोकॉलॉजिस्ट डॉ. ज्योत्स्ना सिंह की गैर मौजूदगी में पीड़ित महिला का एक अन्य चिकित्सक व स्टाफ ने आपरेशन के दिया। जिनके लापरवाही के चलते जुड़वां नवजात बहनो की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा। सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुँच स्थिति को संभाला।

मिली जानकारी के अनुसार सिंगही निवासी रंजना राय अपनी भाभी रिंकी देवी 30 वर्ष पत्नी अटल बिहारी राय निवासी सिंहई थाना सहतवार को के इलाज के लिए बीते तीन दिनों से अपूर्वा हॉस्पिटल, बलिया का चक्कर काट रही थी। लेकिन हॉस्पिटल में मौजूद डॉक्टर और स्टाफ इलाज करने के बजाय टालमटोल करते रहे। रंजना राय ने बताया कि छह नवंबर को जब मरीज को पहली बार जांच के लिए लाया तो तब डॉक्टर ने सुई लगाई, जिसके बाद से पेट में पल रहे बच्चों की हरकतें धीमी पड़ गई। मंगलवार की रात जब मरीज को तेज दर्द हुआ, तब परिजन फिर अपूर्वा हॉस्पिटल पहुंचे। जहां काफी दबाव बनाने के बाद अस्पताल में भाभी को भर्ती किया, जिसके बाद देर रात सीजर ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के दौरान दो बेटियाँ मृत पैदा हुईं। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन थिएटर में डॉ. ज्योत्स्ना सिंह मौजूद नहीं थीं, और उनके स्टाफ ने ही सीजर कर दिया। कहा कि दो डॉक्टरों की लापरवाही और गलत निर्णयों की वजह से दोनों बच्चियों की जान गई। घटना के बाद नर्सिंग होम परिसर में जमकर हंगामा हुआ। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल के कुछ स्टाफ ने बदतमीजी की और समझौते के लिए दबाव बनाया।

अपूर्वा हॉस्पिटल का विवादों से पुराना है रिश्ता

स्थानीय लोगों ने कहा कि अपूर्वा हॉस्पिटल पहले भी विवादों में रह चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है लोगों का कहना है कि कब रुकेगी प्राइवेट हॉस्पिटलों की लापरवाही? क्या स्वास्थ्य विभाग अब कोई ठोस कदम उठाएगा?

मामला मेरे संज्ञान में नहीं है: सीएमओ
जुड़वां बच्चियों की मौत जैसे गंभीर मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलिया डॉ. संजीव वर्मन का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। सीएमओ का यह बयान सवाल खड़े करता है कि जब दो मासूमों की मौत अस्पताल में होती है, परिजन हंगामा करते हैं, पुलिस पहुंचती है तो स्वास्थ्य विभाग तक खबर क्यों नहीं पहुंचती?

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