
दोकटी थानाध्यक्ष समेत चार पुलिसकर्मियों के विरुद्ध FIR दर्ज करने का कोर्ट ने दिया आदेश
बलिया। करीब एक साल पूर्व दोकटी थाना क्षेत्र के नावा नगर ढाले के पास से पूछताछ लिए ले गई पुलिस द्वारा एक को शांति भंग में चालान करने तथा दूसरे मित्र को अन्यत्र गांजा में जेल भेजने का मामला तत्कालीन एसएचओ दोकटी समेत चार पुलिस कर्मियों को उस समय भारी पड़ा। जब मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शैलेष कुमार पांडेय की अदालत ने थानाध्यक्ष दोकटी मदन पटेल, कांस्टेबल रिंकू गुप्ता, ज्योतिष यादव एवं कांस्टेबल आशीष मौर्या के विरुद्ध FIR दर्ज कर नियमानुसार विवेचना करने का आदेश थानाध्यक्ष दोकटी को दिया है।


कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की है कि चूंकि प्रार्थी अपने मित्र के साथ किसी अन्य मित्र के साथ किसी अन्य मित्र के यहां दावत के उपरांत वापस आ रहा था। ऐसे में उसके पास से गांजा पाया गया था तो उनके साथ रहने वाला मित्र किन परिस्थितियों में शांति भंग के चालान के बाद छूट सकता है। रात्रि के समय किन परिस्थितियों में शांति भंग करने का प्रयास किया गया। यदि दो व्यक्ति एक ही मोटर साइकिल पर जा रहे हैं तो एक के पास से 20किग्रा जैसी बड़ी मात्रा में गांजा है तो निश्चित रूप से दूसरे व्यक्ति को इसकी जानकारी व संलिप्तता रही होगी। इस प्रकार न्यायालय ने पुलिस का यह कृत्य न सिर्फ उपेक्षा पूर्ण है, बल्कि आम जनमानस में पुलिस के प्रति भय को दर्शाता है। दोकटी थाना क्षेत्र के दलन छपरा निवासी मंटू कुमार पुत्र स्व. श्रीभगवान ने सीजेएम कोर्ट में 173(4) बीएनएस के तहत पिछले वर्ष अर्जी दाखिल की थी कि प्रार्थी इलाहाबाद में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता है। वह होली में अपने गांव आया था। 31मार्च 2024 को अपने मित्र जितेंद्र के साथ दावत में गया था खाना खाकर रात्रि 9:30 बजे लौट रहा था कि नवानगर ढाले से दोकटी पुलिस पूछताछ के लिए थाने लाई। प्रार्थी ने लाने का कारण पूछा तो खार खाकर भद्दी भद्दी गालियां देने लगे, 1000 रुपया छिन लिए और मेरे मित्र को शांति भंग में चालान कर छोड़ दिए और मुझे गांजा में चालान कर जेल भेज दिए।