
आय से अधिक संपति मामले में स्वास्थ्य विभाग के चर्चित बाबू दया शंकर के विरुद्ध FIR दर्ज
दयाशंकर की 1.80 करोड़ की काली कमाई का भ्रष्टाचार निवारण संगठन लखनऊ ने किया भंडाफोड़
बलिया। सीएमओ कार्यालय, बलिया के चर्चित बाबू दयाशंकर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सतर्कता अनुभाग ने भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत वाराणसी में मुकदमा दर्ज किया है। वर्ष 2021 में आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच भ्रष्टाचार निवारण संगठन लखनऊ कर रहा था। सीएमओ कार्यालय में स्थापना लिपिक के रूप में तैनात दयाशंकर वर्मा ने वर्ष 2004 से 2010 के बीच अपनी पत्नी के नाम पर विभिन्न स्थानों पर जमीन व मकान खरीदी है। जांच में सभी संपत्तियों का ब्यौरा भी दिया था। वाराणसी सेक्टर उप्र सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक रवीन्द्र सिंह यादव ने तहरीर में उल्लेख किया है कि सीएमओ कार्यालय, बलिया के चर्चित व तत्कालीन वरिष्ठ लिपिक दयाशंकर निवासी काशीपुर व भृगु आश्रम ने अपनी वैध आय 43.56 लाख रुपये दिखाई, लेकिन में 1.80 करोड़ रुपये से अधिक का व्यय और संपत्ति अर्जन किया, जो उनकी आय से 1.37 करोड़ अधिक है। यह अंतर भ्रष्टाचार का सबूत माना गया। उनके द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा सका। जिसके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(B) और 13(2) के तहत दोषी पाया गया। शासन ने विधिक कार्रवाई और अभियोग पंजीकृत किया गया। डीएम मंगला प्रसाद सिंह ने डॉ. अभिषेक मिश्र को जांच अधिकारी नियुक्त किया, जो एक सप्ताह में रिपोर्ट देंगे। इससे पहले बलिया-वाराणसी में फर्जी फार्मासिस्ट का मामला भी सामने आया था, जिससे स्वास्थ्य विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।