
नगरा गोली कांड: पूर्व विधायक समेत 18 लोगों को कोर्ट ने किया बरी
नगरा थाने में इक्कीस साल पूर्व चली गोली में दो की हुई थी हत्या
बलिया। करीब दो दशक पूर्व नगरा थाने पर पुलिस व पब्लिक के बीच गोली चली थी। जिसमें प्रधान राजभर एवं हरेंद्र पासवान की गोली लगने से मौके पर मौत हो गई थी। उसी मामले में अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या-एक ज्ञान प्रकाश तिवारी की न्यायालय ने सुनवाई करते हुए भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह समेत सभी आरपियो को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया।
अभियोजन के मुताबिक तत्कालीन एसओ नगरा सुधीर चंद्र पांडेय ने नगरा थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 18मार्च 2004 को समय करीब ढाई बजे दिन में क्षेत्रीय विधायक राम इकबाल सिंह अपने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ थाने का घेराव कर दिए, उस समय मौजूद अधिकारियों द्वारा उनसे वार्ता कर समस्या के निदान का भरोसा दिया और कहा कि आपके समस्या का निदान किया जा रहा है फिर भी राम इकबाल सिंह अपने हजारों समर्थकों के साथ थाने पर धावा बोल दिए और थाने के अंदर जबरदस्ती घुस गए और थाने में लूटपाट और जमकर उत्पात मचाया व हमलावर हो गए। इस मामले में विधायक राम इकबाल सिंह समेत तेरह नामजद और अज्ञात के विरुद्ध हत्या एवं लुट का मामला दर्ज हुआ। जिसमें पहला आरोप पत्र 22मई 2004 को विवेचक द्वारा 17के विरुद्ध न्यायालय में प्रेषित किया और दूसरा आरोप पत्र 07अक्टूबर 2004 को तीन के विरुद्ध प्रेषित किया और दोनों चार्जशीट का संज्ञान न्यायालय ने 07 फरवरी 2007 को लिया। 02मार्च 2015 को सीजेएम न्यायालय ने सेशंस कोर्ट में सुपर्द किया। इसी क्रम में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से विजय शंकर पांडेय ने छप्पन गवाहों की गवाही कराई तथा बचाव पक्ष से कौशल कुमार सिंह ने अपना तर्क प्रस्तुत किया। सम्यक विचारोपरांत न्यायालय ने पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह समेत अट्ठारह को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।




