
101वी जयंती पर याद किए गए संस्कार भारती के संस्थापक कलाऋषि पद्मश्री बाबा योगेन्द्र
जन-जन को अपनी संस्कृति एवं सभ्यता से परचित कराने के लीड बाबा योगेन्द्र ने रखी थी संस्कार भारती की नींव
बलिया। मंगलवार को संस्कार भारती के संस्थापक कलाऋषि पद्मश्री बाबा योगेन्द्र की 101वीं जयन्ती के अवसर पर श्रद्धांजलि गोष्ठी वरिष्ठ साहित्यकार डॉ भोला प्रसाद आग्नेय की अध्यक्षता में संस्कार भारती बलिया के तत्वावधान में पं. केपी. मिश्र मेमोरियल संगीत विद्यालय, रामपुर के प्रांगण में सम्पन्न हुई। इसके पूर्व बाबा योगेंद्र के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। तत्पश्चात माँ सरस्वती वंदना एवं संस्कार भारती का ध्येय गीत प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर डॉ आग्नेय ने कहा कि बाबा योगेंद्र “भारतीय कला हेतु समर्पित व्यक्ति थे। जन- जन को अपनी संस्कृति की ओर आकर्षित के लिए साहित्य, संगीत, नाटक एवं चित्र कला को संबधित करने की आवश्यकता को महसूस करते हुए बाबा ने संस्कार भारती की नींव रखी। मुगलों एवं अग्रेजों ने हमारे समाज को भारतीय संस्कृति से दूर करते हुए अपनी संस्कृति को थोप दिया। इसलिए संस्कार भारती का उद्देश्य जन- जन को अपनी संस्कृति एवं सभ्यता से अवगत कराना बाबा योगेन्द्र ने बनाया। चन्दजी ने कहा कि “बाबा योगेन्द्र के सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी हम सबकी है। धीरज गुप्ता ने कहा कि बाबा को बचपन से ही भारतीय संस्कृति एवं कला के को पुनस्थापित करने की बेचैनी थी और मौका मिलते ही संस्कार भारती को स्थापित किए।
प्रान्तीय कार्यकारिणी सदस्य विशाल यादव ने कहा कि बाबा योगेन्द्र का कला एवं संगीत हेतु किया गया कार्य शाश्वत एवं कालजयी है। इस मौके पर शिवम मिश्र, आकाश मिश्र, सुनीता राय, कृष्णा वर्मा, मान्या राम, आरती वर्मा, प्रियांशी, दिव्यांशी यादव, रानी वर्मा, वैष्णवी राय ने अपने गीत, संगीत एवं साहित्य के द्वारा बाबा के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किया। अन्त में संस्कार भारती, बलिया के अध्यक्ष पं. राज कुमार मिश्र ने बाबा को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए सभी आगन्तुकों के प्रति आभार भक्त किया।