नवनियुक्त ग्राम अध्यक्षों को माल्यार्पण कर किया गया स्वागत

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नवनियुक्त ग्राम अध्यक्षों को माल्यार्पण कर किया गया स्वागत

मदद संस्थान के कार्यकर्ता अभियान चलाकर करेंगे ग्राम अध्यक्ष नियुक्त

जरूरतमंदों तक पहुँचता है मदद संस्थान, कारवाँ निरंतर बढ़ रहा आगे






बलिया। मदद संस्थान ग्राम अध्यक्ष के माध्यम से गांव-गांव में सक्रिय कमेटी बनाएगी। इसके लिए मदद संस्थान के कार्यकर्ता अभियान चला कर ग्राम अध्यक्ष नियुक्त करेंगे। यह निर्णय मदद संस्थान की महर्षि भृगु के मंदिर परिसर में रविवार को आयोजित बैठक में सर्व सम्मति से लिया गया।





बैठक को संबोधित करते हुए । मदद संस्थान के अध्यक्ष अखिलानंद तिवारी ने कहा कि गरीब,असहाय लाचार, बीमार एवं बेहद जरूरतमंदों की सहायता के लिए बना मदद संस्थान अब पूरे प्रदेश और देश में फैलेगा। ताकि संस्थान के माध्यम से समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद हो सके। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में अच्छे लोगों की कोई कमी नहीं है। जरूरतमंदों की मदद करने की नियत सभी लोगों अंदर है। लोगों को एक सच्चा और पारदर्शी संस्थान की जरूरत थी। जिसके माध्यम से पात्र जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सके। मदद संस्थान लोगों को विश्वास दिलाने में सफल रहा है कि दिल, नियत और पूरी निष्ठा से मदद संस्थान गरीबों की मदद उनके दरवाजे पर जाकर रहा है।

संस्थान के संरक्षक डॉ हरेराम ने कहा कि जिस लगन और समर्पण से मदद संस्थान समाज की सेवा कर रहा है। इसके विस्तार में समय नहीं लगेगा। अनेक लोग मदद संस्थान से जुड़ेंगे। बैठक के दौरान कई गांव के नवनियुक्त ग्राम अध्यक्षों को माल्यार्पण कर स्वागत और अभिनंदन किया गया। इस मौके पर अभय गिरी, शंकर प्रसाद चौरसिया, पवन गुप्ता, नरेंद्र सिंह, डॉ हरेंद्रनाथ यादव, विनोद सिंह, अमित सिंह, श्रीभगवान चौधरी, अजय मिश्र, दर्दर गिरी, नितेश पाठक, विवेक सिंह, अजीत तिवारी, आदित्यनाथ तिवारी, डॉ हरेराम, गणेश सिंह, नरेंद्र सिंह, विजय गिरी, श्रीकांत तिवारी, संजय सिंह, लक्ष्मीकांत यादव, शत्रुघ्न पांडेय, राधेश्याम सिंह, रामजी गिरी, निरंजन तिवारी, जितेंद्र उपाध्याय, बब्बन विद्यार्थी, जितेंद्र मिश्र, आशुतोष शुक्ला, नितेश पाठक, अरुणेश पाठक, अंगद सिंह आदि उपस्थित रहे। संचालन रणजीत सिंह ने किया।





दिव्यांग को मदद संस्थान ने दिया नया वाकर

बलिया। महर्षि भृगु के मंदिर में एक असहाय व्यक्ति जो पर से विकलांग होने के कारण एक जर्जर और पुराने वाकर के सहारे इधर-उधर आ जा रहे थे। वाकर इतना कमजोर हो गया था कि वह कभी भी टूट सकता था और कभी भी घायल हो सकते । मदद संस्थान ने उनका संज्ञान लिया । उन्होंने अपना नाम राजकुमार गुप्ता बताया। वही पर तत्काल एक नया वाकर खरीद कर मदद संस्थान की तरफ से उन्हें उपलब्ध कराया गया।

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