सीआरपीएफ जवान का शव पैतृक गांव पहुंचते ही मंचा कोहराम
पचरुखिया गंगा घाट पर जवान का हुआ अंतिम संस्कार
जवानों ने गार्ड ऑफ़ ऑनर से साथी को दी अंतिम विदाई
इकलौते पुत्र ने पिता को दी मुखाग्नि
बलिया। रेवती थाना क्षेत्र के रामपुर (दीघार) गांव निवासी सीआरपीएफ जवान विजय बहादुर पांडेय (52) का शव गुरुवा पैतृक गांव पहुँचते ही कोहराम मच गया। पत्नी का रोते-रोते बुराहाल था। वहीं, पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।अंतिम संस्कार गंगा नदी के पचरूखियां घाट पर शुक्रवार किया गया, जहां साथी जवानों ने गार्ड ऑफ़ ऑनर से साथी अंतिम विदाई दी। जबकि इकलौते पुत्र सूर्यवंशम पांडेय ने मुखाग्नि दी।
आपको बता दे कि स्व. देवदत्त पांडेय के पुत्र विजय बहादुर पांडेय वर्ष 1995 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। वर्तमान में उनकी तैनाती ग्रुप सेंटर अमेठी में बतौर हवलदार थी। बुधवार को ड्यूटी से लौटकर विजय बहादुर अपने बैरक में सो रहे थे। गुरुवार की सुबह साथियों ने उन्हें जगाने का प्रयास किया तो कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सूचना दी। जैसे ही सूचना ग्रुप सेंटर अमेठी से परिजनों को हुई वैसे ही परिवार में कोहराम मच गया। गुरुवार की देर रात हवलदार विजय बहादुर पांडेय का शव पैतृक घर पहुंचा तो पत्नी रंजन पांडेय का रोते-रोते बुराहाल हो गया। वही बेटी रिशु व पुत्र सूर्यवंश पांडेय शव से लिपटकर रोने लगे। बड़े भाई वीर बहादुर पांडेय एक टक अपने भाई के शव को निहारते नजर आए। शुक्रवार को जवान का अंतिम संस्कार पचरुखिया गंगा घाट पर किया गया। जहां असिस्टेंट कमांडेंट अभिषेक कुमार यादव के नेतृत्व में जवानों ने गार्ड ऑफ आनर के साथ अपने साथी को अंतिम विदाई दी।
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अंतिम शव यात्रा में शामिल हुए सैकड़ों लोग
बलिया। सीआरपीएफ जवान विजय बहादुर पांडेय का पार्थिव शरीर पैतृक आवास रामपुर से गंगा नदी के पचरुखिया घाट के लिए निकला तो सैकड़ों लोग अंतिम दर्शन के लिए चल दिए। इस दौरान ‘जब तक सूरज चांद रहेगा विजय तेरा नाम रहेगा’ का नारा भी गुंजायमान रहा। इस मौके पर भाजपा नेता मृत्युंजय तिवारी बबलू, रेवती चेयरमैन प्रतिनिधि कनक पांडेय, सहतवार चेयरमैन प्रतिनिधि नीरज सिंह गुड्डू, जिला पंचायत सदस्य राणा यादव, प्रधान प्रतिनिधि रामपुर राजेश कुमार पांडेय, अवधेश पांडे, पिंटू पांडेय, कौशल पांडेय समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।