प्रभु श्रीराम के चरित्र का कथावाचक ने कराया रसपान
रसड़ा। क्षेत्र के रामनगर स्थित शिव मंदिर पर 19 मार्च तक चलने वाले लोक मंगल सर्वजन कल्याण हेतु महाविद्या स्तोत्रम् यज्ञ एवं श्रीराम कथा के दशवें दिन जौनपुर से पधारे कर्मयोगी बाबा परमहंस स्वामी शान्तानंद महाराज ने श्रीराम के जीवन व उनके चरित्र की वरर्णन करते हुए अपने मुखारबिंदु से कहा कि जब जब धर्म की हानि हुई है। धर्म की स्थापना के लिए मानव तन धारण कर प्रभु धर्म की स्थापना करते है। भगवान राम समाज में फैले कुरीतियों, पाप, अत्याचार, अपराध व मानव समाज में मानव से भेदभाव, बैर व द्वेश रखने वाले को मानव चरित्र का मर्यादा पुरूषोतम राम का मानव के रूप में आदर्श चरित्र व जीवन का उदाहरण है। प्रभु श्रीराम ने लोक कल्याण किये जिसे उनके जीवन से हमे उनके चरित्र को अपनाना चाहिए।