
अबकी बार 30 गांवों को बाढ़ से मिलेगी राहत
रेवती में प्रवेश के बाद तटबंधे पर पड़ता है अधिक दबाव
बलिया। सरयू की बाढ़ से तटवर्ती क्षेत्रों को बचाने के लिए शुरू की गईं दो परियोजनाएं समय से पहले पूरी हो गई। इससे रेवती क्षेत्र के करीब 30 गांवों को बाढ़ के समय राहत होगी। जिले के रेवती विकास खंड में प्रवेश के बाद सरयू की धारा खड़ी (लंबवत) हो जाती है। इससे तटबंध पर दबाव अधिक पड़ता है।
बरसात के मौसम में नदी का प्रवाह क्षेत्र भी बढ़ जाता है। लिहाजा तटबंध की सुरक्षा विभाग के लिए भी एक चुनौती बन जाती है। वहीं, इलाकाई लोगों की भी धुकधुकी बढ़ जाती है। खासकर सरयू नदी के दाहिने तट पर निर्मित तुर्तीपार श्रीनगर तटबंध के किमी 62.850 से किमी 63.000 के मध्य स्थित गांवों पर बाढ़ का खतरा भी बढ़ जाता है। सिंचाई और बाढ़ खंड ने 373.62 लाख की लागत से 150 मीटर लंबे लांचिंग एप्रेन एवं स्लोप पिचिंग के कार्य को तमाम अवरोधों के बाद भी करीब दो माह पहले पूरा कर लिया। इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र के महादनपुर, महाराजपुर और भोजछपरा सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों की सुरक्षा भी पुख्ता हो गई है। वहीं तुर्तीपार श्रीनगर तटबंध के किमी 69.950 से किमी 70.200 के मध्य बने तटबंध पर भी नदी के लंबवत होने से खतरा बढ़ गया था। जो क्षेत्र के डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों के लिए चिंता का विषय था। शासन से 208.74 लाख की परियोजना स्वीकृत की गई थी। तटबंध को पुख्ता और मजबूती प्रदान करने के लिए 80 मीटर लंबे लांचिंग एप्रेन तथा स्लोप पिचिंग एवं कार्य कराना था। दोनों परियोजनाओं के पूरा होने से तटवर्ती गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है।
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क्या बोले सहायक अभियंता
बलिया। इस संबंध में सहायक अभियंता अमृत लाल ने बताया की स्वीकृति के तुरंत बाद चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई थी। इससे कार्य लटकता नजर आया। लेकिन सरयू के मिजाज को देखते हुए परियोजनाओं को समय से पूरा करना भी जरूरी था। लिहाजा चुनाव आयोग से अनुमति लेकर कार्य को समय से पहले पूरा करा दिया गया। इन दोनों परियोजनाओं के पूरा हो जाने से तुर्तीपार श्रीनगर तटबंध का यह क्षेत्र पूर्णतः सुरक्षित हो गया है।