
मोंथा चक्रवाती बारिश ने ददरी मेले का बिगाड़ा खेल
कार्तिक पूर्णिमा के दिन नहीं सज पाया मीना बाजार
मेले आए दुकानदारों की होती थी अच्छी कमाई, दिखे मायूस
कीचड़ होने के कारण समय से जमीन नहीं हो सकी आवंटित
स्नान कर मेला देखने के बजाय बैरंग लौटे मेलार्थी
ना बिजली, प्रकाश, शौचालय व पानी की है व्यवस्था

बलिया। महर्षि भृगु के शिष्य दर्दर मुनि के नाम पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन से लगने वाला ऐतिहासिक ददरी मेला का मीना बाजार इस वर्ष चक्रवाती मोंथा के चलते समय से तैयार नहीं हो सका। इसके कारण कार्तिक पूर्णिमा के दिन जनपद व गैर जनपद से शिवरामपुर गंगा घाट पर पतित पावनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर श्रद्धालु मेला में जाते थे और सामानों की खरीददारी करते थे। इसके साथ ही झूला-चर्खी और जिलेबी, चाट आदि का आनंद उठाते थे। लेकिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन मीना बाजार नहीं लगने के कारण श्रद्धालुओं को बीना मेला देखे ही मायूस लौटना पड़ा। इस दौरान सभी श्रद्धालु मेला समय से नहीं लगने पर प्रशासन को कोसते नजर आए। वहीं दुकानदार जमीन के इंतजार में प्रशासन की परिक्रमा करते नजर आए। हालाकि प्रशासन मंगलवार की शाम तक चिन्हाकन करने में लगे रहे। जिस हिसाब से जमीन आवंटित हो रही है और रास्ता खराब है। इससे यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि कम से कम एक सप्ताह में ही मीना बजार सजकर तैयार हो सकेगा। अब देखना यह है कि प्रशासन मेले को गति प्रदान करने में कितना तेजी लाता है। जबकि प्रशासन मेले के विलंब होने में चक्रवाती मोंथा को दोषी मान रहा है।

बता दे कि ददरी मेला इस वर्ष चक्रवाती मोंथा बारिश के चलते समय से नहीं लग सका। जिसके कारण दुकानदारों की आमदनी कार्तिक पूर्णिमा के दिन नहीं हो सकी। जबकि पहले कार्तिक पूर्णिमा के दिन छोटे-बड़े दुकानदारों की अच्छी आमदनी हो जाती थी। मेले में जनपद व गैर जनपद व गैर प्रांत से पधारें दुकानदारों का कहना था कि प्रशासन जमीन आवंटित करने में काफी विलंब कर रहा है। जिसका नतीजा है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दुकान नहीं सज पाई। ददरी मेला क्षेत्र में सबसे पहले बिजली के पोल, लाइट, हैंडपंप, शौचालय लग जाते थे। लेकिन इस बार अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके लिए दुकानदारों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं शौचालय के अभाव में खुले में शौच जाना पड़ रहा है। रास्ते को अभी तक दुरूस्त नहीं किया जा सका। जिससे सामानों को ले जाने में फजीहत हो रही है। कीचड़ में गाड़ी फंसने पर ट्रैक्टर से खींचना पड़ रहा है। कहाकि प्रशासन द्वारा इस वर्ष दो लेने के बजाय तीन लेन में मार्ग बनाया जा रहा है। जिसको लेकर दुकानदार असमंजस में है। कई दुकानदारों का कहना था कि पुराने दुकानों को जमीन आवंटित नहीं की जा रही है। बाहरी दुकानदारों को तव्वजो अधिक दिया जा रहा है। दुकानदारों ने एक स्वर से कहा कि प्रशासन को अविलंब जमीन आवंटित करना चाहिए। प्रशासन हर साल दाम दो से तीन हजार बढ़ा रहा है, लेकिन सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। यही हाल रहा तो आगे वाले दिनों में बाहरी दुकानदार आने में हिचकेंगे।



इस बाबत मेला प्रभारी एसडीएम अभिनेंद्र सिंह ने बताया कि चक्रवाती मोंथा बारिश के चलते ददरी मेला का मीना बजार की जमीन आवंटित होने में विलंब हुआ है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन दुकानदारों की आमदनी नहीं हुई है, उनकी आमदनी आगे अच्छी होगी। मेले को सुव्यस्थित ढँग से लगाया जा रहा है। जबकि पहले मेले को जैसे-तैसे लगा दिया जाता था। मीना बाजार बहुत ही अच्छे ढंग से सजेगा थोड़ा विलंब जरूर हुआ है।