
मंजू क्लीनिक की संचालिका को पुलिस ने किया गिरफ्तार
नगरा में जच्चा – बच्चा की प्रसव के वक्त हुई थी मौत, परिजनों ने किया था हंगामा
स्वास्थ्य महकमा उदासीन, अनगिनत जिले में संचालित हो रहे अवैध अस्पताल
घटना घटित होने पर जगता है स्वास्थ्य महकमा, फिर मामला ठंडे बस्ते में

बलिया। नगरा पुलिस ने मुखबिर खास की सूचना पर सोमवार की रात प्राइवेट अस्पताल की संचालिका मंजू देवी पत्नी जितेन्द्र कुमार निवासी क्यामपुर थाना पकड़ी जनपद बलिया को कृष्णा होटल के पास से गिरफ्तार कर विधिक कार्यवाही करते हुए न्यायालय भेजा गया।


मृतका के पिता मुखदेव राम ने नगरा थाने में तहरीर दिया था कि मेरी पुत्री संगीता 40 वर्ष को 20 अक्टूबर की सुबह प्रसव पीड़ा होने पर करीब नौ बजे परिजन नगरा स्थित मंजू क्लिनिक पर लेकर पहुंचे थे। जहां अस्पताल की संचालिका द्वारा नॉर्मल डिलीवरी की बात कह भर्ती किया गया। इसके बाद पुत्री की हालत बिगड़ने पर अस्पताल संचालिका ने उसे गंभीर बताते हुए ऑपरेशन और मऊ से डॉक्टर बुलाने की बात कही। रात 11 बजे डॉक्टर के आने के बाद महिला का ऑपरेशन किया गया। जिसके बाद उसकी स्थिति और अधिक नाजुक हो गई। सोमवार की भोर में करीब तीन बजे अस्पताल कर्मियों ने उसे एम्बुलेंस से मऊ रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही संगीता ने दम तोड़ दिया। बता दे कि मौत के बाद परिजन मृतका का शव लेकर वापस अस्पताल पहुंचे और गेट के सामने रखकर हंगामा करने लगे। सूचना पर पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी राकीब अख्तर ने अस्पताल को सील कर दिया। उधर पुलिस ने तहरीर के आधार पर धारा 105 बीएनएस व 34(2) राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम 2019 के तहत अभियोग पंजीकृत कर अस्पताल संचालिका को गिरफ्तार कर न्यायालय भेज दिया। सवाल यह उठता है कि क्या संचालिका के पास कोई डिग्री है। अस्पताल प्रशासन क्या कर रहा है। अस्पताल प्रशासन तब जगता है जब कोई घटना घटित हो जाती है। इसके बाद अस्पताल प्रशासन जांच के नाम पर कान में तेल लगाकर शो जाता है। जनपद में यह पहली घटना नहीं है। ऐसे अनगिनत अस्पताल संचालित हो रहे है और स्वास्थ्य महकमा मूकदर्शक बना हुआ है क्योंकि उसे एक मोटी रकम जो मिल रही है।