
पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत
शिव-पार्वती की पूजन कर पति व परिवार की मंगलकामना की
कथा श्रवण के बाद बड़ों का पैर छूकर लिया आशीर्वाद


बलिया। हरितालिका तीज के अवसर पर सौभाग्यवती महिलाओं ने पति की दीर्घायु के लिए सोमवार को 24 घंटे के लिए निर्जला व्रत रखा। इस दौरान महिलाओं ने शाम को स्नान करने के बाद नए वस्त्र धारण कर केले का मंडप बनाकर भगवान शिव व पार्वती की स्थापना की। तत्पश्चात फल-फूल, मिष्ठान, धूप, अगरबत्ती आदि चढ़ाकर पति समेत परिवार के मंगलमय की कामना की। इसके बाद पुरोहित से कथा का श्रवण किया। कथा सुनने के पश्चात सास, ससुर, जेठानी सहित अपने से बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद लिया।


पति की दीर्घायु और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए सौभाग्यवती महिलाओं ने हरितालिका तीज के अवसर पर निर्जला व्रत रखा। इस दौरान व्रती महिलाओं ने नदी, तालाब, सरोवर के अलावा घर पर पानी में गंगाजल डालकर स्नान किया। तत्पश्चात नए वस्त्र धारण कर हाथ में मेंहदीं, पैर में महावर तथा सोलहों शृंगार किया। इसके पश्चात नजदीकी शिवालयों तथा घरों में केले का मंडप बनाकर भगवान शिव एवं पार्वती की प्रतीकात्मक मूर्ति बनाकर स्थापना की। इसके बाद सामर्थ्य के अनुसार फल-फूल, मिष्ठान, वस्त्र आदि चढ़ाया तथा धूप व अगरबत्ती दिखाकर पति के दीर्घायु तथा परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। तत्पश्चात पुरोहित से कथा श्रवण कर सास, ससुर, जेठानी सहित अपने से बड़ों का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात निर्धारित समय पर सावां का सत्तू व गुड़ से पारण किया। मान्यता है कि इस व्रत को शादीशुदा महिलाओं के साथ ही कुवारी कन्याएं भी रखती हैं। इस व्रत को माता पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए रखा था। तब से यह परम्परा चली आ रही है।