
भक्ति की अद्भुत है महिमा: लाडली किशोरी
बलिया। जब भक्ति भूख में प्रवेश करती है तो वह व्रत बन जाती है और व्रत रखने का भाव जाग जाता है। भक्ति पानी में प्रवेश करती है तो वह चरणामृत बन जाता है। भक्ति भोजन में प्रवेश करती है तो वह प्रसाद बन जाता है, जब भक्ति यात्रा में प्रवेश करती है तो वह तीर्थयात्रा बन जाती है। भक्ति जब संगीत मे प्रवेश करती हैँ तो संगीत कीर्तन बन जाता है, भक्ति घर में प्रवेश करती है तो घर मंदिर बन जाता है और भक्ति जब व्यक्ति में प्रवेश करती है तो व्यक्ति मानव बन जाता है। यह बाते अयोध्या से पधारी कथावाचक साध्वी लाडली किशोरी ने नगर से सटे मिड्ढा गांव में चल रहे श्री हनुमत प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ में बुधवार की रात कथा के दौरान कही। कहाकि जब भक्ति किसी भी चीज में प्रवेश करती है तो वह उस चीज को एक आध्यात्मिक आयाम प्रदान करती है। भूख को त्यागकर भक्ति के लिए व्रत करना, पानी को पवित्र चरणामृत मानना, भोजन को प्रसाद समझना और यात्रा को तीर्थयात्रा के रूप में देखना, सभी भक्ति के प्रभाव को दर्शाते हैं। इस मौके पर स्वामी आनंद महाराज, प्रवीण कुमार सिंह उर्फ काकुड़ी, आलोक सिंह, कामता सिंह, विनोद सिंह, सनक कुमार पांडेय, सुरेंद्र चौरसिया, प्रधान मर्णिंद्र बहादुर ठाकुर, सोनू सिंह, कनक पांडेय, सुनील सोनी, धन्नू पांडेय समेत सैकड़ों श्रोतागण मौजूद रहे।