
2013 से 31 अक्टूबर 2024 तक मिले 4267 एचआईवी मरीज
अब तक 857 मरीज गवां चुके है अपनी जान
17 थर्ड जेंडर, 166 बच्चे और 89 बच्चियां मिले एचआईवी पीड़ित
अब नहीं मिलता है एचआईवी पीड़ितों को 100 रुपए भत्ता
(श्रवण कुमार पांडेय)
बलिया। नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (नैको) के तत्वावधान में प्रत्येक वर्ष एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। जिसका सहयोग उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी (यूकोसैैक) करती है। एचआईवी पॉजिटिव रोगियों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में एआरटी सेंटर व आईसीटीसी और महिला अस्पताल में पीपीटीसीटी सेंटर खुला हुआ है, जहां एचआईवी/एड्स से पीड़ित रोगियों की जांच तथा दवा नि:शुल्क दी जाती है। वहीं गांव में नुक्कड़ नाटक, पोस्टर आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागृत किया जाता है। बावजूद एचआईवी रोगियों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है।
जिला अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर के आंकड़ों पर गौर करें तो जनपद में वर्ष 2013 से 31 अक्टूबर 2024 तक कुल 4267 एचआईवी/एड्स पॉजिटिव मरीज पाए गए। जिसमें 2339 पुरुष, 1656 महिला, 17 थर्ड जेंडर, 166 बच्चे और 89 बच्चियां पाई गई। इसमें कुल 857 रोगियों की मौत भी हो चुकी है। इसके अलावा 31 दिसंबर 2021 तक सीरिंज से कुल 44 मरीज संक्रमित पाए गए है। जबकि वर्ष 2022 से 2024 तक एक भी सीरिंज वाले मरीज नहीं मिले। इसका मुख्य कारण जिला अस्पताल के इमरजेंसी के उपर खुला नशा मुक्ति केंद्र (आईडीयू) है, जहां तैनात टीम द्वारा केवल निडिल वाले मरीजों को जागृत कर इस पर रोक लगाने का काम किया गया।
नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (नैको) के तत्वावधान एवं उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी (यूकोसैैक) के संयुक्त तत्वावधान में एचआईवी/एड्स पॉजिटिव रोगियों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में एंटी रिट्रो वायरल थिरेपी (एआरटी) सेंटर व एकीकृत परामर्श व जांच केंद्र (आईसीटीसी) और महिला अस्पताल में पीपीटीसीटी सेंटर स्थापित है, जहां एचआईवी/एड्स से पीडि़त रोगियों की जांच तथा दवा नि:शुल्क दी जाती है। इसके अलावा रसड़ा, नगरा, सिकंदरपुर, बांसडीह व दुबहर सीएचसी व पीएचसी पर केंद्र स्थापित है। यहां भी एचआईवी/एड्स से पीडि़त रोगियों की जांच व दवा नि:शुल्क दी जाती है। जबकि अप्रैल 2024 से खेजुरी व सरायभारती बंद कर दिया गया है। वर्तमान में सरायभारती को जिला अस्पताल स्थित आईसीटीसी सेंटर एवं खेजुरी को महिला अस्पताल स्थित पीपीटीसी सेंटर में मर्ज कर दिया गया है। एआरटी सेंटर पर आने वाले मरीजों को प्रतिमाह के दर से 100 रुपये यात्रा भत्ता त्रयमासिक दिया जाता है, जो वर्तमान में बंद चल रहा है। इस बाबत एआरटी मेडिकल प्रभारी डा आरके झा ने बताया कि संक्रमित मरीजों का निःशुल्क जांच व दवा नियमित रूप से एआरटी सेंटर से दी जाती है। इसके अलावा नियमित रूप से उनकी काउंसलिंग भी की जाती है। इसमें सावधानी ही मुख्य बचाव है।
जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर तक मिले 877 पॉजिटिव मरीज
बलिया। जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर के आकड़े के मुताबिक जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2024 तक कुल 877 एचआईवी/एड्स पॉजिटिव मरीज पाए गए। जिसमें 475 पुरुष, 347 महिला, आठ थर्ड जेंडर, 33 बच्चे और 16 बच्चियां पाई गई। इसमें कुल 143 रोगियों की मौत भी हो चुकी है। इसी प्रकार जनवरी से 31 दिसंबर 2022 तक कुल 265 एचआईवी/एड्स पॉजिटिव मरीज पाए गए। जिसमें 134 पुरुष, 110 महिला, 00 थर्ड जेंडर, 14 बच्चे और सात बच्चियां पाई गई। इसमें कुल 48 रोगियों की मौत भी हो चुकी है। वही जनवरी से 31 दिसंबर 2023 तक कुल 307 एचआईवी/एड्स पॉजिटिव मरीज पाए गए। जिसमें 172 पुरुष, 114 महिला, तीन थर्ड जेंडर, 13 बच्चे और पांच बच्चियां पाई गई। इसमें कुल 45 रोगियों की मौत भी हो चुकी है। जबकि जनवरी से 31 अक्टूबर 2024 तक कुल 305 एचआईवी/एड्स पॉजिटिव मरीज पाए गए। जिसमें 167 पुरुष, 123 महिला, पांच थर्ड जेंडर, छह बच्चे और चार बच्चियां पाई गई। इसमें कुल 50 रोगियों की मौत भी हो चुकी है।

यहां होती है नि:शुल्क जांच व मिलती है दवा
बलिया। जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रसड़ा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांसडीह व दुबहर के प्रांगण में केंद्र स्थापित है। जहां नि:शुल्क जांच एवं नि:शुल्क दवा वितरित की जाती है। रबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरायभारती को जिला अस्पताल स्थित आईसीटीसी सेंटर एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खेजुरी को महिला अस्पताल स्थित पीपीटीसी सेंटर में मर्ज कर दिया गया है।

जिले की दो संस्थान करती है काम, विहान के सदस्य रहते है सक्रिय
बलिया। जनपद में अमर शहीद चेतना संस्थान बनकटा, विहान केयर सर्पोट सेंटर, चंद्रशेखर नगर के सदस्य एचआईवी/एड्स रोगियों को चिह्नित कर इलाज कराने के लिए प्रेरित करता है और उन्हें जिला अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर तक लाता है, जहां जांच व दवा दिलाकर आमजन की तरह सामान्य जीवन व्यतीत करने के लिए जागरूक करता है। इसमें विहान केयर सर्पोट सेंटर के परियोजना समन्यवक दीना नाथ यादव के नेतृत्व में टीम गुपचुप तरीके से मरीज तक पहुंचती है और उनका काउंसलिंग कर निर्धारित तिथि पर पहुंच जांच व दवा लेने के लिए प्रेरित करते है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस संस्था के सदस्य एचआईवी पीड़ितों को सरकारी योजना का लाभ दिलवाते है। इसके अलावा पूर्व में संक्रमित 33 बच्चों को सनबीम स्कूल वाराणसी में दाखिला भी दिलवाया, जहां पढ़ाई से लेकर रहने व खाने तक की व्यवस्था निःशुल्क है।
ऐसे फैलता है एड्स
बलिया। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एचआईवी असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सीरिंज से फैलते है। इसलिए आपको हमेशा यह ध्यान रखना होगा कि नए सीरिंज का ही प्रयोग किया जाए। संक्रमित मां से शिशु में एचआईवी पॉजिटिव मां द्वारा बच्चे को दूध पिलाने से नहीं फैलता है। आजकल डोनेशन कैंपों में भी ब्लड डोनेटर का एचआईवी टेस्ट किया जाता है। ताकि अन्य किसी में व्यक्ति में ब्लड न चढ़ सकें।
इससे नहीं होता एचआईवी
बलिया। एचआईवी पॉजिटिव के साथ खाने या बात करने, मरीज के साथ सोने, पीड़ित से हाथ मिलाने, एक ही शौचालय में जाने से, एचआईवी पॉजि़टिव को छूने व चूमने से एड्स रोग नहीं फैलता है। इसलिए एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति से अछूतों जैसा व्यवहार ना करें।
एड्स के दौरान मरीज टीबी के भी होते है शिकार
बलिया। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फि व एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डाक्टर आरके झा का कहना है कि एड्स की अवस्था में आने के बाद मरीज सबसे पहले टीबी के शिकार होते हैं, क्योंकि टीबी होने का कारण भी शरीर में प्रतिरोधक क्षमता की कमी होने लगता है। इसके अलावा निमोनिया (निमोसिस्टम कारिनी) मेनिंजाइटिस भी सामान्य है।
एड्स के बारे में लोगों में है कई भ्रांतियां
बलिया। एड्स के बारे में लोगों में कई तरह की भ्रांतियां है। जिस कारण समाज का एक बड़ा हिस्सा एड्स पीडि़तों से कटने लगता है। लोगों के अंदर डर बैठ जाता है कि कहीं उन्हें भी एड्स ना हो जाए। इससे पीड़ित भी हिनभावना से ग्रस्ति होता है और इलाज करवाने से कतराता है। देश में हर साल करोडो़ रुपए खर्च कर राष्ट्रीय स्तर पर लोगों में जागरूकता फैलाने लाने के लिए खर्च किया जा रहा है।
ऐसे करें बचाव
बलिया। सुरक्षित यौन संबंध बनाएं। खून लेने से पहले उसकी जांच करा लें। कोई भी टीका या इंजेक्शन लगाने से पहले ध्यान रखें की सीरिंज नई हो। एक से ज्यादा लोगों से संबंध बनाने से बचें। सेविंग कराते समय भी नए ब्लेड का ही प्रयोग करें।
वर्ष 2024 की एचआईवी/ एड्स पीड़ितों की तालिका…
पुरुष महिला थर्डजेंडर बच्चा बच्ची कुल योग
जनवरी 14 04 00 00 00 18
फरवरी 11 06 00 01 00 18
मार्च 14 10 00 00 00 24
अप्रैल 21 13 00 00 02 36
मई 25 21 04 00 01 51
जून 20 16 00 01 01 38
जुलाई 13 14 00 01 00 28
अगस्त 16 14 01 02 00 33
सितंबर 14 12 00 01 00 27
अक्टूबर 19 13 00 00 00 32
कुल योग- 167 123 05 06 04 305














