
बलिया महोत्सव की मैराथन ने व्यापार की रोकी रफ्तार
त्योहार को लेकर व्यापारी थे खुश, बलिया महोत्सव ने किया नाखुश
छुट्टी रद्द होने के कारण अधिकारी व कर्मचारी भी दिखे मायूस
कहा त्योहार बाद आयोजित होना चाहिए था बलिया महोत्सव
बलिया। जनपद में आयोजित बलिया महोत्सव को लेकर जहां आमजन खुश है। वही इसका आगाज सोमवार को बाबू मैनेजर सिंह मैराथन दौड़ से हुई। मैराथन दौड़ को लेकर जनपद में लगाई गई नो एंट्री के चलते बड़े वाहन नगर में प्रवेश नहीं कर सके। जिससे धनतेरस, दीपावली और छठ त्योहार को लेकर ऑर्डर नहीं आ सका। उधर दूसरी ओर वाहनों के आवागमन ठप होने से ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुंच सके। जिससे पूरे दिन हर क्षेत्र के दुकानदार ग्राहकों के अभाव में मायूस दिखे। उनका कहना था कि बलिया महोत्सव त्योहार के बाद करना चाहिए था, क्योंकि छह माह बाद व्यापारियों की दुकानों पर रौनक लौटी है।
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व्यापारियों ने बताया कि मई व जून माह में लगन ना होने के कारण हर क्षेत्र का व्यापार पूरी तरह से ठप चल रहा था। जब धनतेरस, दीपावली और डाला छठ जैसे त्योहार आए तो दुकानदारों के चेहरों पर रौनक लौटी और माल आर्डर किया। लेकिन इसी बीच जिला प्रशासन द्वारा बलिया महोत्सव कार्यक्रम 28 अक्टूबर से आयोजित किया गया। जिसकी शुरुआत बाबू मैनेजर सिंह मैराथन दौड़ से की गई। इस मैराथन दौड़ के चलते हर क्षेत्र में नो एंट्री लगाई गई थी। जिसके चलते व्यापारियों का माल गंतव्य तक नहीं पहुँच सका और ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुंच सके। जिससे पूरे दिन व्यापारी समाज जिला प्रशासन को कोसती नजर आए। उनका कहना था कि बलिया महोत्सव बहुत ही अच्छा कार्यक्रम है। लेकिन इसे त्योहार के बाद आयोजित करना चाहिए था। इस बलिया महोत्सव कार्यक्रम के चलते जहां व्यापारी समाज में नाराजगी है। वही त्योहार में अधिकारी व कर्मचारियों की छुट्टी रद्द होने के कारण उन लोगों में भी काफी नाराजगी देखी गई।













