कई किरदार ऐसे भी जो दलाल नहीं, कारखास को देते थे रकम

Spread the love

बलिया वसूली कांड…*

*कई किरदार ऐसे भी जो दलाल नहीं, कारखास को देते थे रकम*

*थाने व चौकी के अलग-अलग हैं दलाल*

बलिया। यूपी के बलिया जिले के नरही थाना क्षेत्र में हुए वसूली कांड के आरोपी निलंबित एसओ पन्नेलाल की गिरफ्तारी के बाद से ही क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है। आपको बता दे कि कई किरदार ऐसे भी हैं जहां कोई दलाल नहीं, बल्कि सीधे वह कारखास को हर महीने बंधा रकम देते थे। इसमें भरौली चौराहा पर संचालित अवैध होटल, बियर बार, देह व्यापार से जुड़े लोग हैं। हालांकि अभी भी थाने का कारखास कहां है कोई नहीं बता रहा। यहां तक कि उसका नाम भी मुकदमा में नहीं है। चर्चा है कि पुलिस की भाषा में हर महीने एक्जाइ की वसूली के लिए रोज बिना वर्दी कारखास भरौली चौराहा पर रहता था। भरौली स्थित एक होटल पर तो कुछ माह पहले एसओजी ने छापा मारकर संचालक को हिरासत में भी लिया था। लेकिन उसी रात डील कर मामले को दबा दिया गया।

[4/14, 2:22 PM] Mohammad Saif Ali Khan:

WhatsApp-Image-2024-03-14-at-8.02.26-AM
WhatsApp-Image-2024-03-14-at-8.02.28-AM
My-Fronrt-Baner-5-2048x1280
10
9
8
7
5
4
3
2
1
6
Shadow

[4/14, 2:36 PM] Mohammad Saif Ali Khan:
WhatsApp-Image-2024-03-14-at-8.02.26-AM
WhatsApp-Image-2024-03-14-at-8.02.28-AM
My-Fronrt-Baner-5-2048x1280
10
9
8
7
5
4
3
2
1
6
Shadow

L
o
a
d
i
n
g


बता दें कि यूपी बिहार के बार्डर स्थित भरौली गोलंबर पर 24 जुलाई की रात अवैध वसूली को लेकर एडीजी वाराणसी पीयूष मोर्डिया व डीआइजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण ने छापेमारी कर अवैध वसूली का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में एसओ नरही, कोरंटाडीह चौकी प्रभारी समेत कुल 23 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। जिसकी विवेचना एएसपी आजमगढ़ कर रहे हैं। उधर, छापे के बाद से ही शराब, लाल बालू, पशु तस्करों व अवैध खनन करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकांश भूमिगत हो चुके हैं। सूत्रों की मानें तो विवेचना करने वाली टीम ने नरही से लेकर कोटवा नारायणपुर तक गोवध तस्करों, शराब तस्करों, दलालों एवं खनन माफियाओं को चिह्नित कर लिया है। इसमें थाने का सबसे बड़ा दलाल भी है जो प्रतिदिन दो लाख की वसूली करके देता था। उधर, कोरंटाडीह चौकी पर तो एक दलाल का सिक्का बीते 12 वर्षों से है। वह चौकी की आमदनी बढाने के लिए सुझाव देता है, फिर उसके इशारे पर प्रभारी काम करते हैं। अवैध खनन, गंगा के रास्ते पशु व शराब तस्करी के साथ ही विवादों का निस्तारण भी दलाल के जरिए ही होता था। अब देखना यह है की जांच की आंच किन-किन किरदार तक पहुंचती है और उनके गले की फास बनती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *