11 माह में 20 पुरुषों ने नसबंदी अपनाकर निभाई ज़िम्मेदारी

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3800 महिलाओं ने भी अपनाई नसबंदी

परिवार नियोजन के स्थाई साधन अपनाएं, खुशियों भरा जीवन बिताएं

महिला नसबंदी की अपेक्षा अधिक सुरक्षित व सरल है पुरुष नसबंदी

बलिया। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. आनन्द कुमार ने बताया कि एक अप्रैल 2023 से 29 फरवरी 2024 तक जनपद में 20 पुरुषों तथा 3800 महिलाओं ने नसबंदी कराई। इसके अलावा दो बच्चों के बीच में सुरक्षित तीन साल का अंतर रखने के लिए महिलाओं ने अस्थाई साधन को भी अपनाया है। इसमें 6417 महिलाएं पोस्ट पार्टम इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी) और 4583 महिलाए इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी), 34492 महिलाएं माला एन अपना चुकी हैं। 38360 महिलाओं ने साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया की सेवा ली है। इसके अलावा जनपद में कुल 5958 महिलाओं ने तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा को अपनाया है। नोडल अधिकारी ने बताया कि दो बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर रखना मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। किसी महिला को दोबारा मां बनने के लिए कम से कम तीन साल का समय चाहिए होता है। इस अंतराल में मां अपने पहले शिशु की भी अच्छी तरह देखभाल कर पाती है और महिला का शरीर भी दोबारा मां बनने के लिए तैयार हो जाता है। तीन साल से पहले दूसरा बच्चा होने की स्थिति में मां और शिशु के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी मामूली शल्य प्रक्रिया है। इसमें सामान्य सा चीरा लगता है। इसमें व्यक्ति को उसी दिन अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। यह महिला नसबंदी की अपेक्षा अधिक सुरक्षित और सरल भी होता है। इसके लिए न्यूनतम संसाधन, बुनियादी ढांचा और न्यूनतम देखभाल की आवश्यकता है। पुरुष नसबंदी को लेकर समाज में कई प्रकार का भ्रम फैला हुआ है। इस भ्रम से पुरुषों को बाहर आना होगा और एक छोटा परिवार एवं सुखी परिवार की अवधारणा को साकार करने के लिए पुरुषों को आगे बढ़कर जिम्मेदारी उठाने की जरूरत है।

पुरुष को तीन व महिला को मिलता है दो हजार रुपया

बलिया। पुरुष लाभार्थी को सरकारी अस्पताल में नसबंदी कराने पर 3000 रुपए प्रोत्साहन राशि एवं महिला लाभार्थी को 2000 रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में मिलते हैं। साथ ही पुरुष नसबंदी के लिए प्रोत्साहित करने वाली आशा को 400 रुपये प्रति लाभार्थी दिया जाता है। महिला नसबंदी के लिए प्रोत्साहित करने वाली आशा को 300 रुपये प्रति लाभार्थी दिये जाते हैं।

आगे बढ़कर पुरुष परिवार नियोजन अपनाएं
बलिया। फेमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक्स मैनेजर उपेंद्र चौहान ने बताया कि सामाजिक एवं आर्थिक मजबूती बढ़ाने के लिए पुरुष आगे आकर अपनी जिम्मेदारी निभाएं तथा नसबंदी करा कर परिवार नियोजन अपनाएं।

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