
भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से मानव व पशु पक्षी बेहाल
सत्तू का शर्बत, खीरा, ककरी, नारियल पानी, कोल्ड ड्रिक्स, शरबत सेवन करते नजर आए लोग
बलिया। भीषण गर्मी व लू का तेवर रविवार को भी बरकरार रहा। सूर्यदेव के प्रकोप ने लोगों को परेशान किया। दिन चढ़ने के साथ ही भीषण गर्मी का सितम शुरू हो गया। तेज गर्म हवा लोगों के चेहरे को झुलसा दे रहा था। रविवार को अधिकतम तापमान 42 व न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस पर था। 20 किमी की रफ्तार से गर्म हवा चलने से लोगों को चेहरा झुलस जा रहा था। ठीक दोपहर में गर्मी का असर अपने चरम पर रहा।

ऐसे में गर्मी से बचने के लिए लोग बाजारों में सत्तू का शर्बत, खीरा, ककरी, नारियल पानी, कोल्ड ड्रिक्स, शरबत आदि का सेवन करते नजर आए। मौसम के तल्ख तेवर से आवागमन करने वालों को और भी असुविधा हो रही है। गर्मी और लू के थपेड़ों के कारण जिला मुख्यालय में 12 बजे के बाद मुख्य बाजार, मुख्य चौराहों व सार्वजनिक जगहों पर आवाजाही कम नजर आई।
हर कोई सिर और चेहरा ढक कर खुद को गर्मी से बचाने का प्रयास करते नजर आए। सुबह से ही गर्मी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। सूरज की गर्म किरणें बदन में चुभने लगीं। लू के कारण सबसे अधिक दिक्कत दिहाड़ी मजदूरी करने वालों काे हुई। तेज धूप के साथ लू के गर्म थपेड़ों ने मुसीबत और बढ़ा दी। भीषण गर्मी से बेचैन लोग बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सके, जिसके चलते दोपहर को शहर के प्रमुख बाजार व चौराहों पर सन्नाटा पसरा दिखाई दिया। गर्मी ने पूरी तरह जनजीवन को प्रभावित कर दिया है।

बिजली की आंख मिचौली का खेल पूरे दिन रहा जारी
बलिया। जिले के कई इलाके में दिन भर बिजली की आंख मिचौली चलती रही। सुबह से ही कई इलाकों में बिजली गुल रही। कुछ इलाकों में अघोषित बिजली कटौती भी देखने को मिली, जिससे लोग परेशान रहे। बिजली विभाग ने लाइन सुधार कार्य के नाम पर कुछ क्षेत्राें में बिजली बंद की थी। इस भीषण गर्मी में बिजली न होने के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बिजली निगम ने दावा किया था कि गर्मी के मौसम में बेहतर आपूर्ति के लिए तैयारी की गई है, लेकिन ऐसा नहीं लग रहा है कि विभाग अपने वादे पर खरा उतर पाया है। पेड़ों डालियों से तार क्षतिग्रस्त हाे जा रहेे थे, जिससे आपूर्ति ठप हो जा रही थी। रात में भी हनुमानगंज क्षेत्र में बिजली गुल रही। शहर के कई इलाकों में दिन में बिजली कटौती होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।