बाल विवाह मुक्त भारत के तहत भरतपुरा गांव में आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम

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कम आयु में विवाह से वर-वधू के स्वास्थ्य पर पड़ता है दुष्प्रभाव

बलिया। बाल विवाह मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत गुरूवार को ग्राम पंचायत भरतपुरा में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग एवं नव भारतीय नारी विकस समिति के संयुक्त से जागरूकता कार्यक्रम चलाया। जिसमें वाराणसी से आयी टीम ने नुक्कड़ सभा के माध्यम से बच्चों को बाल विवाह मुक्त अभियान तथा शिक्षा महत्व के बारे में नाटक प्रस्तुत कर उन्हें जागरूक करने का प्रयास किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ हनुमानगंज ब्लॉक के सीडीपीओ अमर नाथ चौधरी ने किया। उन्होंने कहा कि कम आयु में विवाह से वर-वधू के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव, जनसंख्या वृद्धि शारीरिक तथा मानसिक विकास में बाधा होने लगता है। किंतु आज भी ये कुप्रथा छिपे तौर पर हमारे समाज में विद्यमान है। इसे समाप्त करने के लिए हमें एकजुट होकर इस कुप्रथा का विरोध करना चाहिए। जेएनसीयू की प्रोफेसर डॉ.पुष्पा मिश्रा ने बताया कि बाल विवाह से घरेलू हिंसा, मानवाधिकारों तथा बचपना से वंचित, निरक्षरता आदि का हानिकारक प्रभाव समाज पर पड़ता है। जिसमें हमे इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए समाज को जागरूक कर इसे जड़ से मिटाना होगा। इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि उमेश, उपासना, हेमलता प्रोफ़ेसर डॉ. रूबी, डॉ. संजीव सिंह के अलावे शिक्षकगण, आंगनबाड़ी कार्यकत्री के अलावे छ़ात्र—छात्राएं उपस्थित रहे।
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टिकर—01. सीडीपीओ अमरनाथ चौधरी ने किया कार्यक्रम का शुभारम्भ
टिकर—02. आज भी ये कुप्रथा छिपे तौर पर हमारे समाज में विद्यमान है
टिकर—03. बाल विवाह को जागरूकता से किया जा सकता है जड़ से समाप्त
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